नारी ki sachchai Truth of a Lady
प्रेम त्याग की मूरत भी
जीवन की आधार भी तू ही
पावन प्रेम की सूरत भी
जीवन की शुरुआत से ही तू
जब धरती पर आती है
बेटी,बहन, भार्या और मां का
अनमोल किरदार निभाती है
जब जीवन की जननी ही तू
फिर क्यूं ईन गीदड़ों से डर जाती है
झुटे प्रेम माया मैं फस कर
क्यों अपनी आबरू लुटाती है
तू घुट-घुट कर जीती है क्यों
क्यों चक्कर इनमें फंस जाती है
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ऐ नारी तू क्यों सहती है
अब तक तो तू जाग जा
अब कैसे दिन आएंगे बोलो
समय बची है होश खा
अगर रही तू चुप तो ऐसे ही
सभी तुझे इज्जत लूट जलाएंगे
भरे पड़े हैं गीदड़ समाज में
तेरा कतरा कतरा नोंच कर खाएंगे
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हर खुशियों की ज्वाला है तु
तू लक्ष्मी ,दुर्गा ,काली है
जो कहते फिरते हैं अपवित्र
तुझको,उसको भी जनने वाली है
मत भूलो ऐ दुनिया नारी
ही तो दुनिया रचने वाली हैं
हां हां ऐ नारी तू ही
लक्ष्मी दुर्गा काली है ................@comingsoonसृष्टि सिंह राजपूत
@militarybratofficials